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    सुगम्य भारत अभियान

    दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) ने 3 दिसंबर, 2015 को दिव्यांगजनों के लिए सार्वभौमिक पहुंच प्राप्त करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान के रूप में सुगम्य भारत अभियान शुरू किया।

    निर्मित पर्यावरण पहुंच

    एक सुलभ भौतिक वातावरण से न केवल दिव्यांगजनों को बल्कि सभी को लाभ होता है। स्कूलों, चिकित्सा सुविधाओं और कार्यस्थलों सहित इनडोर और आउटडोर सुविधाओं में बाधाओं और अवरोधों को दूर करने के लिए उपाय किए जाने चाहिए।

    परिवहन प्रणाली पहुंच

    स्वतंत्र जीवन के लिए परिवहन एक महत्वपूर्ण घटक है, और समाज में अन्य लोगों की तरह, दिव्यांगजन एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए परिवहन सुविधाओं पर निर्भर करते हैं। परिवहन शब्द में हवाई यात्रा, बसें, टैक्सियाँ और रेलगाड़ियाँ सहित कई क्षेत्र शामिल हैं।

    सूचना और संचार पारिस्थितिकी तंत्र पहुंच

    सूचना तक पहुँच समाज में सभी के लिए अवसर पैदा करती है। लोग अपने दैनिक जीवन के बारे में निर्णय लेने के लिए कई रूपों में सूचना का उपयोग करते हैं। इसमें मूल्य टैग पढ़ने में सक्षम होना, हॉल में शारीरिक रूप से प्रवेश करना, किसी कार्यक्रम में भाग लेना, स्वास्थ्य सेवा संबंधी जानकारी वाला पैम्फलेट पढ़ना, ट्रेन की समय सारिणी समझना या वेबपेज देखना जैसी गतिविधियाँ शामिल हो सकती हैं। अब बुनियादी ढांचे की सामाजिक बाधाएँ और दुर्गम प्रारूप दैनिक जीवन में जानकारी प्राप्त करने और उसका उपयोग करने के रास्ते में नहीं आने चाहिए। इसके तहत निर्धारित लक्ष्य वेबसाइट, ऑडियो-विजुअल मीडिया और सांकेतिक भाषा दुभाषिया से संबंधित हैं।

    सुगम्य भारत अभियान के संशोधित दिशा-निर्देश (देखें 503KB)